मैं चलती जाती हूँ
लोगों से मिलती जाती हूँ
धोखे खाती हूँ और उनसे संभलती भी जाती हूँ
समझ नहीं पाती या शायद समझा नहीं पाती हूँ
अपने ही तरीकों में कुछ उलझती सी जाती हूँ
दिल की बात कह नहीं पाती हूँ
हिम्मत करती हूँ तब भी समझा नहीं पाती हूँ
अब बस मैंने बंद ही कर दिया है कुछ भी कहना
अब बस अपने ही रास्तों पर चलती चली जाती हूँ
महसूस करना बंद कर दिया है क्यूंकि
समझ कर भी मैं कभी कभी नामसमझ बन जाती हूँ
दर्द की नुमाइश से कुछ नहीं होता है
आसुओं को लोग पानी समझ जाते हैं
अब बस मैं पत्थर हुई जाती हूँ
किसी को रोकती नहीं हूँ
किसी को बुलाती नहीं हूँ
बस जिंदगी की इन राहों में मैं आगे बढ़ती चली जाती हूँ
लोगों से मिलती जाती हूँ
धोखे खाती हूँ और उनसे संभलती भी जाती हूँ
समझ नहीं पाती या शायद समझा नहीं पाती हूँ
अपने ही तरीकों में कुछ उलझती सी जाती हूँ
दिल की बात कह नहीं पाती हूँ
हिम्मत करती हूँ तब भी समझा नहीं पाती हूँ
अब बस मैंने बंद ही कर दिया है कुछ भी कहना
अब बस अपने ही रास्तों पर चलती चली जाती हूँ
महसूस करना बंद कर दिया है क्यूंकि
समझ कर भी मैं कभी कभी नामसमझ बन जाती हूँ
दर्द की नुमाइश से कुछ नहीं होता है
आसुओं को लोग पानी समझ जाते हैं
अब बस मैं पत्थर हुई जाती हूँ
किसी को रोकती नहीं हूँ
किसी को बुलाती नहीं हूँ
बस जिंदगी की इन राहों में मैं आगे बढ़ती चली जाती हूँ
Nice
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